प्राइवेट स्कूल के आरोप निराधार हे ऐसा कोई नियम ही नहीं हे जिसके लिए हम बाध्य हो । कोचिंग संचालक
एक बार फिर शहर के प्रायवेट स्कूल ओर कोचिंग संस्थान हुए आमने सामने
आष्टा की आवाज / नवीन कुमार शर्मा
आष्टा - बीते दिवस शहर के एक निजी स्कूलों के संगठन ने sdm को ज्ञापन देकर शिकायत की थी कि शहर में कोचिंग संस्थानो की बाढ़ सी आ गई हे, इसकी प्रमुख वजह हे कि सारी कोचिंग संस्थान भारत सरकार, प्रदेश सरकार ओर न्यायालय के दिशानिर्देशों के विरुद्ध होकर बगैर किसी मापदंड ओर आवश्यक प्रक्रियाओं के संचालित हो रहे हे।
प्रायवेट स्कूल जिस तरह से विधिवत मान्यता प्राप्त कर बच्चों को सरकार की गाइड लाइन अनुसार शिक्षा दे रहे , वही कोचिंग संस्थानो में बेसिक सुविधाओं की पूरी तरह से अभाव रहता हे ।स्कूल चाहे सरकारी हो प्रायवेट , इन कोचिंग संस्थान बेखौफ होकर स्कूल समय में बच्चों को कोचिंग में बुलाते हे । उम्र सीमा निर्धारण का जरा भी इनके यहां पालन नहीं हो रहा , 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी यहां देखे जा सकते हे। दिल्ली में बेसिक सुविधाओं के अभाव में कोचिंग संस्थानो में घटनाएं घटित हो चुकी हे , इसके बावजूद भी यह सबक लेने को तैयार नहीं हे ।
अगर यही हाल रहा तो निजी स्कूल संचालकों ने विरोध की अगली राह भी पकड़ने का निर्णय ले लिया है।
वही आज sdm से मौखिक रूप से मिलने आए समस्त कोचिंग संस्थानो के संचालकों से हमने बात की तो उन्होंने एक अलग ही कहानी गढ़ दी , जिसमें उन्होंने कहा कि प्रायवेट स्कूलों के लूज एडमिनिस्ट्रेशन के कारण इस बार सेकडो की तादात में बच्चे सीएम राइस स्कूल में भर्ती हो चुके है, इस कारण यह लोग हमें बेवजह टारगेट कर परेशान कर रहे हे।हम बच्चों के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं का बराबर ध्यान रखते हे।
इनके स्कूलों में भी हम लोग ही पढ़ाते हे, आज इनके व्यवहार से नाराज होकर हम लोग मौखिक रूप से हड़ताल पर हैं, सभी प्रायवेट स्कूलों की बड़ी क्लासेस के बच्चे परेशान हो रहे हे, कोई पढ़ाने वाला नहीं हे।