बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध ने आष्टा इस्कॉन ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
आष्टा की आवाज /नवीन कुमार शर्मा
आष्टा। अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के प्रभु श्री चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के विरोध में आष्टा इस्कॉन के भक्तों ने आष्टा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व स्वाति मिश्रा को ज्ञापन सौंपा जिसकी प्रतिलिपि माननीय राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल ओर विदेश मंत्रालय के नाम दी। ज्ञापन में बताया गया ओर मांग कि गई कि इस्कॉन एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो भक्ति और मानव सेवा का कार्य करती है जो 1966 में स्थापित हुई और जिसके 100 से अधिक देशों में 600 मंदिर ओर केंद्रों के माध्यम से वैदिक संस्कृति, भक्ति और शांति का प्रचार करती है। इसके साथ ही लाखो भक्तों को निःशुल्क भोजन प्रसादी भी वितरण कर ग्रहण कराती है साथ ही शैक्षणिक ओर नैतिकता के सिद्धांतों जो धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने का कार्य करती है। वही बांग्लादेश ने
श्री चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी वहां हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की आवाज उठाने के लिए की गई जो पूर्णतः धार्मिक आजादी के विरुद्ध है। वही ज्ञापन में मांग स्वरूप भारत सरकार से प्रभु की गिरफ्तारी से सुरक्षित रिहाई ओर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक पर हो रहे अत्याचार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का आवाहन किया और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को भी अवगत करने का निवेदन किया है। ज्ञापन सौंपने वाले में आष्टा इस्कॉन प्रमुख संदीप सोनी, अनिल भाटी, सुशील बुधवंत, संतोष राठौर, धीरज शर्मा आदि मौजूद रहे।