मतदान से चंद घंटों पहले आयोजित हुई भाजपा की प्रेसवार्ता
संकल्प पत्र को लेकर की गई प्रेसवार्ता ने स्थानीय भाजपा की चुनावी रणनीति की खोली पोल
आष्टा की आवाज / नवीन कुमार शर्मा
आष्टा - आपको बता दे पार्टी का वह संकल्प पत्र जो समय अनुरूप जनता के बीच पहुंच जाना था,ताकि क्षेत्र की जनता भी जान सके की इस बार पार्टी के संकल्प पत्र में क्या है? जिसका लाभ किसी हद तक प्रत्याशी मिल सकता था ।
किंतु उदासीन कार्यकर्ताओं को जब याद आई तब तक शायद बहुत देर हो चुकी थी । मजे की बात है की मतदान का समय अब जबकि उल्टी गिनती में आ गया और नेता अपनी मस्ती में आज भी मस्त है। इससे अंदाजा लगा सकते है की स्थानीय भाजपा चुनाव को लेकर कितनी संजीदा हैं । वह संकल्प पत्र जो समय रहते आम जनता तक चला जाना था वह मतदान के चंद घंटों पूर्व कार्यकर्ताओं को याद आया । अब ऐसा लगने लगा जैसे संकल्प पत्र की याद ने कार्यकर्ताओं को में नींद से उठा दिया ?फिर क्या था आनन फानन में प्रेस वार्ता बुलाई, और संकल्प पत्र का गुणगान गाया गया । इस तरह पूरे चुनावी समय में मीडिया से दूरी बना कर चलने वाली भाजपा को अचानक मीडिया की याद आ गई,। लेकिन मजे दार बात यह रही की आनन फानन में स्थानीय भाजपा को यह भी एहसास नहीं रहा की प्रेस वार्ता के समय पर ही शिवराज सिंह चौहान भी आने वाले हैं,याने स्थानीय भाजपा की अपनी गलती में शिवराज की एहमियत भी कम हो गई, इसका अंदाजा आप शिवराज सिंह चौहान की संपन्न हुई सभा से लगा सकते हे, जहां जनता की उपस्थिति भी सम्मान जनक नही थी वही मंच पर लगाया गया माईक भी शिवराज जी को नाराज कर गया । इन सब बातो से अंदाजा लगाया जा सकता है की पार्टी की आंतरिक स्थिति क्या है ? और चुनावी माहोल कितना माकूल है?शिवराज सिंह के आने के पूर्व बुलाई गई अचानक प्रेस वार्ता से कर्ताधर्ताओं को मीडिया की एहमियत भी पता लग गई , वह तो भला हो जिला अध्यक्ष का की उन्होंने तत्काल शिवराज सिंह चोहांन के आने के पूर्व संकल्प पत्र को लेकर प्रेस वार्ता आयोजित कर डाली, और संकल्प पत्र दोहराया, ताकि मीडिया समय रहते इसका प्रचार प्रसार कर दे , लेकिन हाय री किस्मत शिवराज सिंह के सभा ने फिर इस प्रेस वार्ता को गुमनामी के अंधेरे में कर दिया ,। और पार्टी का संकल्प पत्र धरा का धरा ही रह गया ।
चूंकि अब कल मतदान हे, ऐसे में पार्टी का वह संकल्प पत्र स्थानीय भाजपा पार्टी की जेब की शोभा बड़ा रहा हे, प्रेस वार्ता के बाद भी लगता नही हे की पार्टी ओर स्थानीय नेता इसे पूरी तरह से भूना पाएंगे ? हां यह जरूर है की इस लापरवाही का बड़ा नुकसान प्रत्याशी को उठाना पड़ सकता है ?
अब बेचारा प्रत्याशी अकेला क्या करे? स्थानीय भाजपा देखने को तो ओपचारिक रूप से एक दिखाई दे रही हे , पर इस चुनाव में कितनी किसकी एहमियत हे, उसी के अनुरूप कार्यकर्ता मंचो पर दिखाई दे रहे है,कथित हाथो में बंधा यह चुनाव और क्या क्या रंग दिखायेगा यह तो आने वाली 3 तारीख के बाद ही पता चल पाएगा ।
खेर हम तो यही कहेंगे की अगर चुनाव में नुकसान होता है तो स्थानीय कर्णधार नेताओ की उदासीनता और हेकड़ी ही बड़ा कारण बनेगी ।
चल रहे कार्यकलापों को देख कर हम तो यही कहेंगे, की -- न सनम मिली न ही बिसाले यार, -- संकल्प पत्र को भी पार्टी जनता तक नही भेज पाई और इधर शिवराज सिंह चौहान की सभा भी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई।