चर्म रोग से पीड़ित श्वान बन रहे मुसीबत ।
प्रशासन के ठोस कदम का इंतजार
आष्टा की आवाज / नवीन कुमार शर्मा
आष्टा - नगर में कही भी चले जाए चर्म रोग से पीड़ित श्वान दिखाई देंगे अपने को खुजलाते और अपने ही पंजों से स्वयं को घायल करते श्वान को जब देखते हे तो दया भाव उत्पन्न होता है लेकिन साधन विहीन होने के चलते नागरिक इनको देखकर सहसा रुकते है फिर आगे बढ़ जाते हे ।
शहर में नगर पालिका हे पशु चिकित्सालय हे और इन सब से बढ़कर श्वान प्रेमी हे अक्सर उनके छायाचित्र यहां वहा प्रकाशित होते रहते हे श्वान प्रेमी कहलाना और बात हे और श्वान प्रेमी होना अलग बात हे इन दोनो का फर्क साफ देखा जा रहा हे ।
पूरे शहर में त्वचा की बिमारी से ग्रसित श्वान अब सबके लिए मुसीबत बन रहे हे शायद प्रशासन को यह मालूम होगा की चर्म रोग से पीड़ित कोई 50 से अधिक श्वानो के लिए क्यां किया जाना चाहिए प्रशासन का और श्वान प्रेमी का तथा नगर के जनसेवको का इस दिशा में की जाने वाली पहल व कार्यवाही का सबको इंतजार हे।
श्वान तो चर्म रोग से पीड़ित हे और इनकी पीड़ा को देखकर मन द्रवित होता हे शायद नागरिकों और जिम्मेदारो में यही अंतर हे।