रस्म अदायगी या पुस्तक मेला
6 जून से 8 जून तक लगेगा पुस्तक मेला । दोनो दिन रहे फ्लाप शो
खुले मैदान की जगह बंद कमरे में हो रहा आयोजन
उद्देश्य था निजी स्कूलों एवं पुस्तक विक्रेताओं की मनमानी को रोकने का लेकिन शिक्षा विभाग बोना साबित हुआ शिक्षा के ठेकेदारों के सामने ।
आष्टा की आवाज / नवीन कुमार शर्मा
आष्टा निजी स्कूलों एवं पुस्तक विक्रेताओं की मनमानी को रोकने के लिए शासन की मंशा अनुसार ज़िला प्रशासन के निर्देश पर आष्टा में पुस्तक मेला अयोजित किया गया! लेकिन अब यह पुस्तक मेला ही सवालों के घेरे में आ गया है और पुस्तक मेले के नाम पर महज़ रस्म अदायगी देखने को मिल रही है लिहाज़ा तीन दिवसीय पुस्तक मेले का पहला दिन फ्लॉप शो बनकर रह गया!
जिसका एक बडा कारण प्रायवेट स्कूलों पर स्थानीय शिक्षा विभाग की कोई लगाम नही दिखाई देना भी नजर आ रहा है!
गौरतलब है की डॉक्टर मोहन सरकार मध्य प्रदेश में प्रायवेट स्कूलों की मनमानी और लूट पर लगाम लगाने के उद्देश से प्रदेश के हर जिले में पुस्तक मेले का आयोजन कर रही है और उक्त पुस्तक मेले के अंतर्गत स्कूली बच्चों के अभिभावकों को किताब, कॉपी यूनिफार्म स्कूल बैग सहित अन्य उपयोगी सामग्री न्यूनतम दामों पर उपलब्ध कराना है इसी को लेकर शिक्षा विभाग ने आष्टा के उत्कृष्ट स्कूल में तीन दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया है लेकिन जीस तरह से यह पुस्तक मेला अयोजित हो रहा है वह अब सिर्फ़ रस्म अदायगी और खानापूर्ति ही दिखाई दे रहा है जिससे हर बार की तरह इस बार भी स्कूली बच्चों के अभिभावक अपने आप को ठगा हुआ महसूस करेंगे!
*ऐसे कैसे लगेगी प्रायवेट स्कूलों की लूट और मनमानी पर लगाम, शिक्षा विभाग भी बेबस हुआ*
भाजपा सरकार की मंशा पर प्रदेश के हर ज़िले में पुस्तक मेला अयोजित किया जा रहा है वही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे सिहोर ज़िले की आष्टा तहसील में भी ज़िला प्रशासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग द्वारा कन्नोद रोड़ स्थित उत्कृष्ट स्कूल में तीन दिवसीय पुस्तक मैला अयोजित किया गया है
लेकिन जीस तरह से छोटे से कमरे में गुपचुप तरीके से प्रचार प्रसार के अभाव में यह पुस्तक मैला अयोजित किया जा रहा है उससे अब यह पुस्तक मैला सवालों के घेरे में आ गया है और महज खानापूर्ति ही दिखाई दे रही है
क्योकि पुस्तक मेले के पहले दीन महज चार से पांच पुस्तक विक्रेता ही इस मेले में पहुंचे और इनके पास सिर्फ़ कुछ स्कूलों की महत्त्वपूर्ण किताबे (कोर्स) ही उपलब्ध था ! ऐसे में इस पुस्तक मेले में कई प्राइवेट स्कूलों की किताबे उपल्ब्ध नही थीं! जिससे ऐसे प्राइवेट स्कूलों की पोल उजागर हुईं जिन्होंने शिक्षा के नाम पर खुली लूट मचा रखी है और शिक्षा के इन ठेकेदारों की लूट को रोकने में स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारी भी बेबस नजर आते है
*यह कैसा पुस्तक मैला,ना यूनिफार्म, ना स्कूल बैग, ना नामी गिरामी प्रायवेट स्कूलों की किताबे*
शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित हो रहे इन पुस्तक मेलो में तमाम प्राइवेट स्कूलों की महत्त्वपूर्ण किताबो सहित, यूनिफार्म, स्कुल बैग सहित अन्य जरूरी सामग्री को कम दामों में उपल्ब्ध कराना था लेकिन आष्टा का पुस्तक मेला एक तो खुले मैदान की जगह छोटे से कमरे में गुपचुप तरीके से आयोजित किया जा रहा है
जिसका कोई प्रचार प्रसार भी नही किया गया, ना उक्त पुस्तक मेले में शहर सहित ग्रामीण इलाकों के कई नामी गिरामी प्राइवेट स्कूलों की किताबे, यूनिफार्म तक उपलब्ध नहीं है और तो शहर के कई ऐसे पुस्तक विक्रेताओं ने भी इस मेले से दूरी बनाई हुईं है जिनके पास कई वर्षो से शहर के प्राइवेट स्कूल वाले अपनी किताबे रखकर स्कूली बच्चों से मोटी कमाई करते आए है और ऐसे पुस्तक विक्रेताओं और प्राइवेट स्कूल वालों पर अब लोग कार्यवाही की मांग कर रहे हैं! वही ऐसे स्कूलों की जानकारी भी अधिकारियो से मांगी गई है जिनकी किताबे पुस्तक मेले में उपलब्ध नही थीं!इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ऐसे स्कूलों पर नोटिस जारी कर कार्यवाही की बात कही है
*बीना प्रचार प्रसार के खुले मैदान की जगह गुपचुप तरीके से आयोजित हो रहा है पुस्तक मेला*
जीस पुस्तक मेले के अंतर्गत शहर सहित ग्रामीण इलाकों के लोगों को न्यूनतम दामों में स्कूली किताबे यूनिफार्म, स्कूल बैग मिलना था वह पुस्तक मेला जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते फ्लॉप शो बन रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण उक्त मेले का उचित प्रचार प्रसार नही होना है जिसके चलते ग्रामीण इलाकों के स्कूली बच्चों के अभिभावको को तो छोड़िए शहर के स्कूली बच्चों के अभिभावकों तक इस महत्त्वपूर्ण मेले की जानकारी नही है!
अब बडा सवाल खड़ा होता है की क्या वाकई में शासन की मंशा है की प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और लूट पर लगाम लगाई जाए...?
या फीर इन प्राइवेट स्कूलों के सामने स्थानीय शिक्षा विभाग बोना नजर आ रहा है जो इनकी मनमानी और लूट को रोकने में असफल साबित हो रहा है ।
*इनका कहना*
इस मामले पर बीईओ अजब सिंह राजपुत ने कहा की जिन स्कूलों की किताबे मेले उपल्ब्ध नही हो रही है उन्हे नोटिस जारी कर उचित कार्रवाई करेंगे!
वही बीआरसी तरुण बैरागी ने भी कहा मेले की जानकारी सभी को भेजी गईं है और जो प्रायवेट स्कूलों की किताबे यह उपलब्ध नहीं है उनकी किताबे उपल्ब्ध कराने का प्रयास करेंगे नही तो स्कुलो और पुस्तक विक्रेताओ पर कार्यवाही करेगें!