कब होगा नगर की सड़को का कायाकल्प गड्डे बन रहे आम लोगो के लिए मुसीबत ।
आष्टा की आवाज /नवीन कुमार शर्मा
आष्टा- देश जहा प्रगति के रास्ते पर चल रहा हे वही मेरा नगर अच्छे रास्तों के लिए तरस रहा हे अब तो ये भी समझ नही आता की सड़क में गड्ढे हे या गड्डे में सड़क निवेदन,शिकायत और सुझाव से कुछ नही हो रहा आए दिन इन रास्तों के खड्डो पर गिरते सभलते आम नागरिक मंजिल पर पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहा हे पर नगर सरकार अपनी कायाकल्प योजना के नाम पर सड़को को बनाने की तसल्ली दे रहा हे ।आपको बतादे की किला नगर का वह प्राचीनतम क्षेत्र हे जहा अति प्राचीन पंढरीनाथ मंदिर,दिगंबर जैन समाज,श्वेतांबर जैन समाज का तीर्थ स्थल जैसे धार्मिक स्थल हे जिन पर रोजाना जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं को बहुत मुश्किल हो रही है । सड़को के खस्ता हाल आपको अपनी कहानी खुद बयां कर देंगे इतनी दुर्दशा का कारण क्या हे किस बात का इंतजार हे क्यों ये किसी भी जनप्रतिनिधि को दिखाई नहीं दे रहा ।
साथ में हैरत होती है की किन्ही चिन्हित कॉलोनियों और क्षेत्रो में अगर कंक्रीट की सड़के बनी भी है तो लाखो की सड़के चंद महीनों में ही अपना अस्तित्व खोने लग गई है, देख कर लगता ही नहीं है की यह सड़क हाल ही बनी है।
शहर में अनेकों क्षेत्रो में रहवासियों ने अपने घर के सामने अपने हिसाब से नालिया खोद रखी हे, जिस और किसी का ध्यान नहीं जा रहा , जोकि मुख्य सड़क पर गंदगी का बड़ा कारण बन रहा है, यह सब कुछ देखकर ऐसा लगता है जैसे प्रशासन का कोई खौफ कही हे ही नहीं सब अपनी मर्जी के मालिक हे जहा चाहो वहा कुछ भी करो न कोई देखने वाला न कोई सुनने वाला क्षेत्र के पार्षद हो या आला अधिकारी सभी आंखे मूंदे बैठे हे ।