आयोजको की अज्ञानता से एक फ्लाफ शो होकर रह गया ।कवि मैथलीशरण गुप्त की स्मृति में संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित समारोह ।
आष्टा की आवाज/ नवीन कुमार शर्मा
शासन के संस्कृति विभाग के माध्यम से अति मर्यादित कार्यक्रम समय समय पर प्रदेश के हर शहर में स्थानीय लोगो के सहयोग से संपादित होते रहते है।
इसी कड़ी में बीते दिवस आष्टा शहर में भी कवि मैथलीशरण गुप्त की स्मृति में एक कवि सम्मेलन बनाम काव्य गोष्ठी शहर के गीतांजलि गार्डन में आयोजित हुई, जिसके कुछ कवि अन्य शहरों से भी आए थे, साथ ही इस भाजपामय कार्यक्रम नगर के सोशल वर्कर, ओर पत्रकारों का सम्मान समारोह भी रखा गया था , किंतु अनुभव हीन संचालकों की अज्ञानता से यह सम्मान समारोह भी दोयम दर्जे का हो गया । बस फिर क्या था उपस्थित लोगो के प्रश्नवाचक व्यंगो ने कार्यक्रम की, ओर आयोजक मंडल की स्वार्थगत नीति की पोल खोल कर रख दी।
शासन स्तर का यह अति महंगा कार्यक्रम कागजों मे भले ही मंहगाई के उच्चतम शिखर को छू जावे , पर हकीकत यह हे की बहुत सस्ता होकर संचालकों की अज्ञानता से यह बहुउद्देशीय आयोजन पूरी तरह अपने सार्थक उद्देश्य से भटक गया और केवल संचालक का स्वयंभू वाहवाही लुटने वाला निजी कार्यक्रम बन कर रह गया । बड़ी बात यह रही की शासन स्तर का यह साहित्यक कार्यक्रम निजी स्वार्थ से ग्रसित हो गया तो यह साफ लगने लगा की आयोजक मंडल के कथित लोग अपने सम्मान के चक्कर में सम्मान व्यवस्था के गुण ही भूल गए । इसका प्रबल उदाहरण अगर देखे तो कार्यक्रम में हुए सम्मान समारोह में नगर की एक सोशल समाज सेविका ने मंच की व्यवस्था और मंच पर ही विराजित भगवान का अपमान बताते हुए संचालकों को माइक से नसीहत दे डाली, समाज सेवी महिला की इस गंभीर नसीहत के बाद मानो मंच पूरा सहम सा गया । इस तरह शासन के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की संचालकों ने आगे रहकर फजीहत करा डाली, ।