शिक्षा विभाग का ढुल मूल रवैए के चलते बरगद जड़ हो चुके जनशिक्षक,ओर बीएसी हुए तानाशाह



शिक्षा विभाग का ढुल मूल रवैए के चलते बरगद जड़ हो चुके जनशिक्षक,ओर बीएसी हुए तानाशाह ।


 सरकारी स्कूलों के साथ साथ निजी स्कूल संचालक हो रहे परेशान वही योग्यता बेबस नजर आ रही है।व्यवस्था देख लगता हैं पूरे कुएं में ही भांग घुली हुई है

आष्टा की आवाज / नवीन कुमार शर्मा


आष्टा -  ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि  पूरे जिले में लगभग 114 जन शिक्षक और लगभग 26 bac  कार्य कर रहे, जो कि  अपनी अपनी तहसील मैं पूरे समय स्कूलों के निरीक्षण के नाम पर भारी नावा पीट रहे है।ओर ख़ुद भी मजे कर रहे है वही जिम्मेदारो को भी संतुष्ट रख रहे है। वरना क्या वजह हो सकती है की काउंसलिंग में चयनित योग्य शिक्षक आज भी अपनी बारी आने का वर्षो से इंतजार कर रहे हैं। वही व्यवस्था में पूरी तरह से भीग कर बरगद  जड़ हो चुके यह जनशिक्षक ओर bac बेखौफ होकर मजे मार रहे है। 



इनके तानाशाही रवैया से पीड़ित एक  निजी स्कूल के हेडमास्टर ने आष्टा ब्लाक शिक्षा अधिकारी को शिकायती आवेदन भी दिया, ओर जिम्मेदारों से अनुरोध किया है की किस तरह से bac  स्कूल संचालकों को परेशान करते है , यही हाल जनशिक्षकों के भी है जो शहरी क्षेत्र के अलावा खासकर ग्रामीण क्षेत्रों  में निरीक्षण के नाम पर  खुलकर  निजी स्कूल संचालकों, ओर सरकारी स्कूलों में  धोस धपट करते रहते है, ऐसा भी नहीं की ब्लाक स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी इनकी करतूतों को न जानता हो, पर सबका मोन  बहुत कुछ सोचने पर विवश करता है ? जन शिक्षक और bac जिस तरह से मनमानी करते रहते है उससे भी अंदाजा लगता है की कही  लक्ष्मी कांत का संगीत का सभी आनंद ले रहे हो,।

क्योंकि किसी विभाग में जब पूरे कुएं में ही भांग घुल जाती है तो इस तरह के नजारे देखना और मिलना आम बात हो जाती है। 

आपको बता दे  इस मामले में चल रही भारी अनियमितता को लेकर जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी  संजय सिंह तोमर से  संपर्क किया तो उन्होंने इस मामले को लेकर अपनी जिम्मेदारी को सिरे से नकार दिया,उन्होंने इस मामले की गेंद जिला समन्वयक अधिकारी (डीपीसी)के पाले में फेंक दी, वही व्यवस्था में बदलाव को लेकर जिला कलेक्टर को भी जिम्मेदार बता दिया ।

वही जब  डीपीसी आर आर उईके से बातचीत की तो उन्होंने और आगे बढ़ते हुए कह दिया की हम कई बार प्रयास कर चुके है किंतु बहुत हद तक स्थानीय राजनीति भी हमारी व्यवस्था को प्रभावित करती है।  अभी हमने फिर नोट शीट तैयार कर भेज दी है,  निर्णय कलेक्टर साहब को करना है, पूरी प्रक्रिया वही से संपादित होती है ।जैसे ही आदेश आएगा, हम तुरंत नई काउंसलिंग करेंगे ।

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