विधा के मंदिर को कौन बना रहा कुश्ती का अखाड़ा ।
स्कूल शिक्षा विभाग की बड़ी लापवाही का नतीजा भुगत रहे विद्यार्थी । आठ सुरक्षा कर्मी होने के बावजूद कैसे अंदर आ जाते हे बाहरी लोग ?
आष्टा की आवाज/नवीन कुमार शर्मा
आष्टा - नगर का संदीपनी स्कूल एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहा हे । इस बार भी पूर्व की तरह वही घटना ओर वही मुद्दा लेकिन जिम्मेदार शिक्षा विभाग अपनी कमजोरियों को छुपाते हुए फिर अपने आप को क्लीन चिट देने की कोशिश कर रहा हे विगत दिनों हुई वह घटना जो किसी विद्यालय की प्रतिष्ठा को दाग दार करने के लिए काफी हे ।
ये कोई नई घटना नहीं हे पहले भी कई बार हो चुके इस प्रकार के झगड़े पर अनुशासन हीनता की हद तब हो गई जब शिष्य भी नहीं मानते और गुरुजी भी दोनों अपने कर्तव्य से परे नजर आ रहे हे विगत दिनों हुई घटना निंदनीय भी हे ओर चिंतनीय भी ऐसा किसी भी विद्यालय में नहीं होना चाहिए क्योंकि विद्यालय ज्ञान का मंदिर होता हे जहां विद्यार्थी अपने भविष्य का निर्माण करते हे लेकिन संदीपनी विद्यालय की कार्यप्रणाली इन सब से अलग नजर आ रही है पर बार बार उसी घटना को दोहराते हुए वहीं रवैया आपकी कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता हे कही आप अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ तो नहीं या फिर आप में वह काबिलियत ही नही इस ओहदे पर काबिज हो सके खेर ये शिक्षा विभाग की बात हे वे इसे भलीभाती जानते होंगे ।
विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश अनुसार एक जांच टीम तो बना दी पर जांच रिपोर्ट के बाद क्या ओर जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा ।
क्योंकि हमने तो कभी भी जांच रिपोर्ट को आते नहीं देखा ओर उसके बाद क्या कोई कार्यवाही हुई ये भी कभी सुनने में नहीं आया ।
यदि यही घटना किसी अशासकीय विद्यालय में घटित हो जाती तो पूरा शिक्षा विभाग का महकमा जोर शोर से उसके खिलाफ कार्यवाही को आतुर रहता ।
पहले हिन्दू जागरण मंच ओर आज मुस्लिम समाज के द्वारा संदीपनी स्कूल को कानून के दरवाज़े पर खड़ा किया गया जो किसी भी विद्यार्थी के हक में तो हे ही नहीं सुनहरे भविष्य के निर्माण में लगे वह बालक बालिकाओं के मन में सांप्रदायिक जहर घोलना कहा तक उचित हे ये समाज ओर आने वाली पीढ़ी को नष्ट करने का ही काम करेगा कोई स्कूल के गेट पर धरना दे रहे थे तो कोई पुलिस थाने में, पर इन सब में वे विद्यार्थी कहा थे जिनके नाम पर ये पूरा घटना क्रम घट रहा हे उनको तो ये भी पता नहीं होगा इन सब का मतलब क्या हे क्यों ये हो रहा हे शिक्षा विभाग पूरे घटना पर लीपापोती भी करेगा क्योंकि मामला हे ही शिक्षा विभाग का क्यों अपने ही विभाग की जांच करने के लिए अपने ही विभाग के अधिकारियों की नियुक्ति कि गई ये भी विचारणीय हे इतने बड़े संवेदनशील मुद्दे को हल्के में ले रहा शिक्षा विभाग अन्य विभाग से जांच क्यों नहीं करता जिससे जांच प्रभावित नहीं होगी और असली दोषियों का चेहरा सबके सामने आएगा पर नगर का प्रशासनिक अमला पूरी घटना को ओर घटते घटना क्रम को क्रम वार तरीके से देख रहा हे । दोषीयो पर कार्यवाही होनी चाहिए जो इन सब के पीछे हे वे भी बेनकाब होना चाहिए ।
क्या कहते हे जिम्मेदार
(1) धरने पर बैठे लोगों की मांग हे कि प्राचार्य को हटाने की तो उनकी नियुक्ति शासन स्तर पर हुई हे हमने वरिष्ठ कार्यालय भेज दी है
नितिन काले (अनुविभागीय अधिकारी आष्टा)
(2) हम जांच कमेटी बना दी हे दो दिन में रिपोर्ट आएगी और दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाएगी
प्रमोद कुशवाह (विकास खंड शिक्षा अधिकारी आष्टा)
(3) ये प्रदेश का सबसे अधिक छात्र संख्या वाला विद्यालय हे इसलिए इस प्रकार की घटनाएं हो रही हे हमने बच्चों के पालकों को बुलाकर समझाइश दे दी हे
सीतवत खान (प्राचार्य संदीपनी विद्यालय आष्टा)