आष्टा की आवाज/नवीन कुमार शर्मा
आष्टा - देश में चाय के शौकीन लोगों की कमी नहीं है. ज्यादातर लोग दिन में कई-कई बार चाय की चुस्की ले लिया करते हैं. स्कूल-कॉलेज हो या सड़क किनारे दुकान या फिर ऑफिस के बाहर की टपरी, हम चाय पीने पहुंच जाते हैं. जहां डिस्पोजिबल ग्लास यानी डिस्पोजल में दुकानदार चाय पकड़ा देता है. हम भी बात करते-करते चाय पी जाते हैं, बिना ये जाने कि यह कितना खतरनाक हो सकता है. डिस्पोजल कप या ग्लास में गर्म चाय पीना खतननाक हो सकता है. इससे सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, डिस्पोजल पॉलीस्टीरीन से बनते हैं. जब इसमें गरम चाय पीते हैं तो इसके साथ हानिकारक तत्व शरीर में पहुंच जाते हैं, जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है. इसमें चाय पीने से बेवजह थकान, एकाग्रता की कमी, हार्मोन असंतुलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. डिस्पोजल कप में चाय पीने से किडनी को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है.
डिस्पोजिबल गिलास में चाय की चुस्की लेना कितना खतरनाक जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल हे पर जहां देखे वहां सिर्फ इन ग्लासों का ही उपयोग किया जा रहा हे बिना ये सोचे कि इसके दुष्परिणाम क्या हो सकते हे प्रशासन बात तो करता हे कि देश को पालीथीन मुक्त करना हे ओर कैंसर के खिलाफ भी चिकित्सकों की जंग जारी हे पर आपकी आंखों के सामने ओर ये कहे कि जिम्मेदारों के कार्यालयों में भी चाय उन्हीं डिस्पोजल गिलास में आतीं हे जिन्हें बैन किया जाना प्राथमिकता होना चाहिए पर आलम ये हे कि चाय की टपरी हों या बड़ा रेस्टोरेंट हर जगत थर्माकोल,प्लास्टिक या फिर पॉलिथिन युक्त कागज के डिस्पोजल प्रयोग हो रहे हे ।
**क्या कहते हे जिम्मेदार**
चाय के डिस्पोजल का उपयोग पूर्णरूप से बंद होना चाहिए प्रशासन को इसे तुरंत बेन करना चाहिए इससे खतरनाक बीमारियां होने की संभावना हे जैसे कैंसर इसमें प्रमुख हे
डॉ अमित माथुर बीएमओ आष्टा
लोगों के स्वास्थ से बढ़कर कुछ नहीं हे जल्द ही कार्यवाही होगी ।
विनोद प्रजापति
मुख्य नगर पालिका अधिकारी आष्टा