*आष्टा महिला शिक्षिका की लापरवाही और मनमानी के चलते बच्चो का भविष्य अंधेरे में, पालक भी परेशान*
आष्टा की आवाज
आष्टा/खाचरोद /नवीन कुमार शर्मा
आष्टा /खाचरोद - प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके इसके चलते कई तरह के प्रोजेक्ट चला रही है ताकि बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सके तथा अनुशासन मैं रहना सीख सके।
लेकिन जिम्मेदार शिक्षक ही समय पर स्कूल नहीं आ रहे हैं तो छात्र-छात्राओं को क्या शिक्षा देंगे ?
शिक्षकों की मनमानी के चलते आष्टा विकासखंड के कई स्कूलों के हाल बेहाल हे इन स्कूलों का अगर आकस्मिक निरीक्षण किया जाए तो कई शिक्षको की हकीकत सामने आ जावेगी ,जो की कभी स्कूल समय पर नहीं जातें, । इसकी जानकारी जवाबदार अधिकारियों को होने के बाद भी इन शिक्षकों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती है क्यों ?यही कारण हे की शिक्षकों के हौसले बुलंद है और खासकर ग्रामीण स्कूलों में पदस्थ शिक्षक अपनी संस्था को आरमगाह समझ अपनी खुली मनमानी करते हुए अपने कार्य के प्रति लापरवाही करते हे, जिसका नुकसान बेचारे बच्चो का होता है , जबकि इन स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए हर जन शिक्षा केंद्र पर दो जन शिक्षक पदस्थ हैं जो प्रत्येक दिन स्कूलो का निरीक्षण करते है। लेकिन स्वार्थ से ग्रसित यह जन शिक्षक भी निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित मिले शिक्षको की जानकरी वरिष्ठ कार्यालय को नही भेजते है। इसके चलते शिक्षको पर कोई कार्रवाई नही होती है। यही कारण हे की शिक्षको के हौसले बुलंद हो गए है।
ऐसा ही मामला आष्टा- विकासखंड के ग्राम दीपलाखेडी के पारदीपुरा के शासकीय शिक्षा गारंटी शाला स्कूल का है। यहां पर एक महिला शिक्षिका पिछले 1 वर्ष से पदस्थ हैं , और रोजाना सीहोर से आना जाना करती है । यह महोदया कभी समय पर स्कूल नही आती है, और ग्रामीणों के पूछने पर खुली दादागिरी कर हठ धर्मिता करते हुए अनर्गल धौंस देती है। इसके चलते यहां पढ रहे घुमंतू जाति के गरीब छात्र छात्राओ के
भविष्य पूरी तरह से अंधकार में जा रहा हे, साथ ही अपनी इन आदतों से यह महोदया सरकार की शिक्षा नीति का मखौल उड़ाते हुए पूरी तरह से पलीता लगा रही हे, और इसकी इस गंभीर लापरवाही और अनियमितता के लिए जिम्मेदार अधिकारी भी उतने ही दोषी हैं क्योंकि यह सब भी पिछले 1 वर्ष से सब कुछ जानते हुए भी मोन साधे हुए है। परिणीति यह हो रही हे, की इन गरीब बच्चो के भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है ।
मुखन सिंह ग्रामीण पारदी खेड़ी
पारदीपुरा निवासी मुखन पवांर ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां पढाने वाली मैडम हर रोज 12 /1 बजे स्कूल आती है और एक घंटा रुककर 2 बजे वाली बस से वापस चली जाती हैं बच्चों को कुछ भी नही पडाती है।इसके चलते हमारे बच्चे पड़ लिख नही पा रहे हे, मैडम का रोजाना लेट आने का सिलसिला जब से स्कूल खुले है तभी से चल रहा है, हमने भी कई बार शिकायत करी किंतु अधिकारी इस मामले को लेकर पूरी तरह से उदासीन है,।
हमने मैडम को भी कई बार बोला लेकिन मैडम कहती है कि आप लोग चाहे मेरी शिकायत कर दो लेकिन मैं इससे पहले स्कूल नही आ सकती हूं।क्योकि मैं सीहोर से आती हू। इसलिए लेट हो जाती हू ।
स्कूल प्रभारी मोहन सिंह
इस मामले में जब स्कूल प्रभारी मोहन सिंह से हमने जानकारी ली तो उन्होंने भी बताया कि मैडम जब से स्कूल खुले है तभी से12/1 बजे स्कूल आती है।और दोनो टाइम के हस्ताक्षर करके 3 बजे स्कूल से वापस चली जाती है। मेरे द्वारा कई बार बोला गया लेकिन मैडम नही रुकती है इसके चलते मुझे भी कई।प्रकार की परेशानी का सामना करना पडता है। इतना ही नहीं हमारे सीनियर अधिकारी जनशिक्षक को भी शाला के निरीक्षण के दौरान मैडम कई बार अनुपस्थित मिली है , और उपस्थित पंजी पर हस्ताक्षर दोनो टाइम के करे हुए मिले है। आपको बता दे ऐसी अनियमितता सरकार के साथ खुली धोखाधड़ी में शुमार होती है, और इस कृत्य के चलते जनशिक्षक ने भी निरीक्षण पंजी पर लिखा है।
इनका कहना
शिक्षिका
ग्राम पारदी खेड़ी
इस मामले में जब मैडम से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने बताया की मेरे पैर मैं फैकचर हो गया था। इसलिए में डाक्टर के पास गई थी इस लिए लेट हो गई हूं। लेकिन रोजाना देर क्यों होती है इसका संतोष जनक जवाब नही दे पाई ।
इनका कहना
ब्लाक शिक्षा अधिकारी अजब सिंह राजपूत आष्टा
इस मामले को लेकर ब्लाक शिक्षा अधिकारी अजब सिंह राजपूत ने बताया की मामला मेरे संज्ञान में आ गया है जन शिक्षक हराजखेड़ी ने कार्यवाही और जांच प्रतिवेदन मुझे दिया है मेने मैडम की उनके कार्य में लापरवाही को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए अपने प्रतिवेदन में वेतन काटने की अनुशंसा कर जिला शिक्षा अधिकारी को भेज दिया है इस मामले को लेकर
बीआरसी तरुण कुमार बैरागी brc आष्टा
उनका मत जानना चाहा तो उन्होंने बताया की मेरे भी संज्ञान में पूरा मामला आ गया है मेने जन शिक्षक का प्रतिवेदन और शिक्षिका के कथन की प्रति सहित वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है,।
शिक्षिका की अपने कार्य के प्रति लापरवाही वाले मामले की जानकारी होने, जांच अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन में भी बात की पुष्टि करने के बात देखने वाली बात होगी की जिले में बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले को लेकर क्या कार्यवाही करते हैं?